कुछ बातें, कुछ लम्हे,
कुछ ख्वाब, कुछ यादें,
हासिल थे सभी,
बस हासिल हैं नहीं
कुछ हँसना, कुछ सताना,
कुछ रूठना, कुछ मानाना,
हासिल था सभी,
बस हासिल है नहीं
अब यहाँ हम हैं खड़े,
बस चलने को तैयार,
जाना है कहाँ ?
बस मंज़िल ही नहीं,
हर अक्स में है चेहरा,
कुछ धुंधला सा
कुछ नया सा,
तो कुछ पुराना सा
क्या हम हैं यही ?
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