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Sher-O-Shayari by Chirag Gupta

Sher-O-Shayari  by Chirag Gupta
Teri subah ki meethi angdayi,
Sunehri raat mein teri parchayi,
Na jaane kyu bhula na paoon,
Muskuraahat jo mere dil mein thi aayi.


Hothon pe khushi ka har pal rehna,
Paani ki tarah har pal behna,
Na jaane kyu bhula na paoon,
Ankhon se hi suron ka khelna.

Hazratein jo kiya karte the,
Mastiyaan jo seeya karte the,
Na jaane kyu bhula na paoon,
Bin bole hi jo kaha karte the.

Baahon mein do jaan simat jaana,

Kuch sochke mann mein hi muskurana,

Na jaane kyu bhula na paoon,

Un lamhon ka yu hi guzar jaana.

Me or you......Or just only you...........


#note :
 Reading the poem from the beginning makes you feel happy that u r clever....but when u read the poem word by word starting from end , there is something interesting in store for you.......

Me or you......Or just only you........... By K C Shyam


Think, you twice
Even,
Days or week,
Whether
Me or you,
Or only you

Please you more,
And
Praise you high,
Now
Know you better
Never, I am clever.

Hesitate never,
Smarter is former,
Questions' one ever,
You or me.

Swift and shrewd,
Wise and true,
Here am I,
You to prove.....

-K.c. Shyam

Its time to change the world

Its time to change the world By K C Shyam

Wandering in the thoughts of mine,
Let me throw you some shine,
Watching the squalor of ours,
On what we created among us.

Roaming on a worldwide tour,
Ever seen a nearby shore,
Making friends off the border,
Ever talked to the nearby neighbour?

Seeing lion as a leather,
A bird for its feather,
No rain, no shower,
Left the leaves to get whither.

Your need and your greed,
Will they ever be freed?
You die for the money,
Ever lived for your honey?

Submerged in the world of work,
Did this thought ever struck?
For the job, the time you share,
Spent time for whom you care?

Jarring music you do hear,
Listened to cuckoo, from near?
You turn on AC, in four cornered room,
Ever felt the wind when those flowers bloom?

We are now stuck in the cobwebs,
It's us to wade off these webs,
We only create and innovate,
It's time for us to renovate!!!



~shyam k c

The Beauty Of Sound

The Beauty Of Sound ~ RenovaListen to the voices that surround you,
The air has something to say,
When everyone has calmed down,
When everyone is far away,
And you're all alone in the room,
Listening to the space around,
The hiss you feel in your ears,
Is louder than ever, so profound!

In the silence of the night,
When everyone is in his dreams,
You can hear time ticking in the clock,
The heart beats louder, it seems,
The footsteps, the rain drops, the wind,
Everything is clearer around,
In the silence you hear more,
That's the beauty of sound!


~Prashant Mishra

वो नई दोस्ती!

Wo Nayi Dosti Prateek Saraf
रोते हुए इंसान को मुस्कान दे गयी...
मरने से बचा के जीवन दान दे गयी...
खिल खिल रही है मेरे चेहरे पे जो हँसी आज कल...
इस मुस्कराहट को वो नई दोस्त पहचान दे गयी...!

मिले नहीं अभी तक हम जिनसे...
जानती नहीं वो बात कर रही है किनसे...
फिर भी गर भरोसा है इतना उनको...
तोड़ेंगे  नहीं कह देना उनको...!

उस  दिन ना जाने हमें भी क्या हो गया था...
वो थी दुखी और हममे भी एक कवी आ गया था...
कभी ना कह पाए और ना ही समझाया हमने कभी...
उसने कुछ कहा, हमने निकाल दी मान कि बात सभी...!



Rote hue insaan ko muskaan de gai....
Marne se bacha k jeevan daan de gai...
Khil khila rahi h mere chehre pe jo hasi aaj kal...
Is muskurahat ko wo nayi dost pehchaan de gai..!

Mile nahi abhi tak hum ginse...
Janti nhi wo baat kar rhi hai kinse...
Fir bhi gar bharosa hai itna ginko...
Todenge nahi kabhi keh dena unko...!

Us din na jaane hume bhi ho kya gaya tha...
Wo thi dukhi aur hm me bhi kavi aa gaya tha...
Kabhi naa keh paaye or naa ksi ko smjhaya humne kabhi...
Usne kuch kaha hmne nikal di man ki baat sabhi...!



~Prateek Saraf

सोचता हूँ


Sochta Hun - From Sphere Of Satwik
सोचता हूँ बदल दूं उनको,
एक ही प्रहार से।
चाहता हूँ सीखा दूँ इंसानियत,
उन्हें अपने हथियार से।

बहुत हो गई ‘अहिंसा परमोधर्म’
भरोषा भी कर लिया बहुत ही।
लात के ही भूत जो ठहरे,
सुनेंगे वो कैसे प्यार से?

आज वक़्त वो आ गया है,
काल विपत्ति का उनपर छा गया है।
चलो हक़ अपना हम ले लें आज,
और छीनलें उनसे अधिकार से।

ना जात, ना कोई पात,
ना धर्म से जुडी कोई बेफिजूल  बात,
आज हम लड़ेंगे अनोखी लड़ाई,
समता का व्यव्हार से।

~Satwik Mishra

गुमशुदा

GumShuda गुमशुदा ~Ayush Jain


कुछ बातें, कुछ लम्हे,
कुछ ख्वाब, कुछ यादें,
हासिल थे सभी, 
बस हासिल हैं नहीं 
कुछ हँसना, कुछ सताना,
कुछ रूठना, कुछ मानाना,
हासिल था सभी,
 बस हासिल है नहीं
अब यहाँ हम हैं खड़े, 
बस चलने को तैयार,
जाना है कहाँ ? 
बस मंज़िल ही नहीं,
हर अक्स में है चेहरा, 
कुछ धुंधला सा
कुछ नया सा, 
तो कुछ पुराना सा
क्या हम हैं यही ?
या गुमशुदा हैं कहीं?




गुज़रा ज़माना

Guzra Zamana ~Ayush Jain गुज़रा ज़माना

बहुत याद आता है वो गुज़रा ज़माना,
वो प्यारा सा बचपन वो मासूम फसाना,

सुबह रोज़ उठकर वो यूनिफॉर्म पहनना,
वो टाई में उलझना वो पापा का सिखाना,

बस स्टॉप पर बस का इंतज़ार करना,
वो खिड़की वाली सीट की ख्वाहिश होना,

"स्कूल प्रेयर" और "थॉट ऑफ डे" से दिन की शुरुआत,
वो "PHE" और "फ्री पीरियड" की राहें ताकना,

"लंच ब्रेक" से पहले "बोरिंग मेथ्स" पढ़ना,
और लंच ब्रेक में सबके टिफिन टटोलना,

फ्री पीरियड में होमवर्क पूरा करना,
फिर शाम को ज़्यादा खेलने की उम्मीद होना,

हर "आन्सर" के बाद वो लाल लाइन खींचना,
और हर एक "डाइयग्रॅम" को सुंदर सा सजाना,

घर जाके सीधा टीवी से चिपकना,
वो मम्मी का डांटना खाने के लिए,

शाम से पहले होमवर्क की जल्दी,
छत पर फिर फुल ऑन क्रिकेट खेलना,

वो दादा दादी से क़िस्से सुनना,
"पता है, आप सुना चुके हो" ये बार बार कहना,

वो मम्मी के हाथों का गर्मा गर्म खाना,
वो पापा के आने कावेट” करना,

सब का छत पर जाकर फिर बातें करना,
तारों और सड़क की गाड़ियों की गिनती करना,

वो पापा का कहना जूते पॉलिश करके रखो,
वो मम्मी का समझाना स्कूल बैग भी जमा लो,

और कुछ ही देर में,
फिर जल्दी से सो जाना,

वो नया दिन फिर वैसे ही जीना,
पर हर दिन में खुशी, हर दिन में कुछ ख़ास होना,

हक़ीक़त था जो, अब हुआ है फसाना,
हक़ीक़त है जो, होगा वही फिर फसाना,

बहुत याद आता है वो गुज़रा ज़माना,
वो प्यारा सा बचपन वो मासूम फसाना |

“दुनिया खिडकियों से”

Duniya Khidkiyon Se ~Ayush Jain

खिडकियों से झांकते हुए,
जो नज़र आता है,
असल है या है फ़साना,
सोचते हुए यह मन,
बहुत चकराता है |
 अब एक अरसे से
हम जो देखते आये हैं
क्या यह वही है,
जो यह मन समझ पता है?
या फिर ,
है एक अलग ही दुनिया ,
जहां है नहीं किसी को ,
किसी से कोई भी सरोकार |
पर हासिल करने में लगे हैं,
   सभी कुछ ऐसा ,
जिसका इल्म भी उन्हें
हो नहीं पाता है ?
इक दूजे की मदद,
कर सके अगर,
तो फंसे रह सकते हैं,
वे यहाँ जिंदगी भर |
पर कौन है,
जो उन्हें समझाए,
उन्हें समझ भी तो नहीं आता है |
हम तो बस,
दर्शक हैं,
जो खिडकियों से,
झांकते हैं !
या फिर शायद,
अंश हैं हम,
ऐसी ही किसी दुनिया का,
जहां कोई और शख्स,
किसी और खिड़की से,
झांकता है,
और ऐसा ही कुछ ख़याल
उसके मन में भी आता है !!




LIFE !


Life~ Ayush Jain
Life, What is life ?

The cry of a new born baby,
                or the laugh of a kid,
the energy of a youth,
                or the ambition of a new graduate,
the contentment of a happily married daughter's father,
                or the faith of the grandparents...
Why do we aspire something,
                which will soon get destroyed,
Why do we strive for someone,
                who will soon be separated,
Why are we happy about some possession,
                which will soon be lost,
Why do we love this life,
                which will soon be demolished,
Where do we find Life,
                and where are we ought to,
How much should we treasure Life,
                and how much be detached to,
These questions may never be answered,
                if we can't answer,

Life, What is life ?


                                 ------ Ayush Jain


“लिबासों की दुनिया, दुनिया के लिबास”

Libaso Ki Duniya Duniya ke Libas-“लिबासों की दुनिया, दुनिया के लिबास”
अक्सर यूं ही चलते हुए,
ऊंची ऊंची दुकानों के,
भीड़ भरे रास्तों से गुज़रते हुए,
बस यूं ही मैं सोचा करता हूँ |
उन दुकानों के शीशों से झांकते हुए,
कभी डराते, कभी मुस्कुराते हुए,
चमकीले लिबासों में लिपटे,
ये पुतले; मुझ पर हंसा करते हैं,
और मैं, बस यूं ही इन्हें ताका करता हूँ |
क्या यही हमारी ज़िन्दगानी है ?
जो बस चंद लिबासों की ज़ुबानी है ?
हर वक़्त, हर अवसर, हर जज़्बात,
हर जगह, हर महफ़िल के लिए; है इक लिबास |

हर तमन्ना के लिए इक लिबास,
हर तहज़ीब का है इक लिबास,
उस दुकान पर पाओगे अमीरी का लिबास,
नुक्कड़ पर मिलेगा गरीबी का लिबास |
हंसी का लिबास, खुशी का लिबास,
बेईमानी का लिबास, ईमानदारी का लिबास,
जैसी भी हो ज़रूरत,
है तुम्हारे पास इक लिबास |

पर इन लिबासों की भीड़ में,
लुभावनी और आकर्षक,
इस दिखावटी दुनिया की नींव में,
खो गया है वह,
जिसे ढूंढना है हमें,
सभी पहना करते थे जिसे,
चाहते थे, और दिलों में बसाते थे जिसे,
कहते हैं उसे इंसानियत का लिबास |
देखो ज़रा होगा यहीं,
दूर किसी छोटे से कोने में,
दबा हुआ, कुचला हुआ,
करता हुआ हम से फ़रियाद |

ढूंढ निकालो आज उसे,
पहन लो ये इंसानियत का लिबास,
इसके ऊपर फिर चाहे जिसे भी पहनो,
निखर जाते हैं सभी लिबास |

Risk




Kho jau mai kahi agar,
Aur ho jau duniya se bekhabar,
Samajh lena dosto ho gaya hai mujhko Ishq,
Aur le liya hai maine bahut bada Risk,
Yu to "Life" hai har pal Risk magar,
Soche-samjhe Risk ka alag hi hai asar,
Life me Risk-factor bahut kaam aati hai,
Safalta ki kunji bankar aapko...
Door talak le jaati hai
Door talak le jaati hai...

~Raj

A Battle To Win [Part 1]

A Battle To Win-Prashant Mishra
Battles begin,
Swords clash,
Empty coffins,
Filled in a flash.

Crimson red,
flows the blood,
Tension prevails,
Eyes shut.

Pass through the head,
The bullets roar,
After the thunder,
The silence grows.

Weapons leave,
Their masters in grave,
Anger wins,
We die as its slaves.

No more we live,
No more fear,
No more we cry ,
No more tears!

(contd.)


 ~Prashant Mishra

A Battle To Win [Part 2]

A Battle To Win-Prashant Mishra
Glorious kingdom,
got submerged in the battle,
Wisdom is dead,
situations are now fatal.

Emptiness,
fills our lives,
Dead men are,
sleep deprived.

Gun fire fills the air,
Choking our souls,
Black birds in the sky,
Eat bodies that fall.

Clouds thunder,
Calling our names.
Our soul surrenders,
Rising in shame.

This ends not here,
There's a life that follows.
But it still has to be filled,
The grave, deep and hollow.

No more we live,
No more fear,
No more we cry,
No more tears!

(contd.)

~Prashant Mishra

A Battle To Win [Part 3]

A Battle To Win-Prashant Mishra
(Read the previous parts to have a better understanding)

Our soul is dead,
No feelings inside,
Long ago from this day,
Our conscience had died.

Ego in heart,
Jealousy in mind,
Forgive all the enemies,
We're no more that kind.

"Life is a bitch",
We say this all time,
Thoughts full of revenges,
We've got for no crimes.

The battle is huge,
With the memories of past,
The good ones are good,
Its from the bad ones that last.

But deep into the ground,
We got to bury them all,
Our ego, the jealousy,
And the ones that made us fall.

Time will move on,
Life will keep up the pace,
And someday we'll say,
With a smile on our face,

Battles began,
Swords clashed,
Empty coffins,
Were filled in a flash.

But battles did end,
And noone had died,
The coffins were filled,
With the guilts we had inside.

Let 'tensions' keep on shouting,
And 'worries' keep on trying,
But seeing us winning the battle,
They'll all begin to cry,

"No more we live,
No more they fear,
No more they cry,
Now we've got all tears!"

~Prashant Mishra

Have Some Guts

Have Some Guts-Prashant Mishra

If people aren't laughing at your goals, your goals are too small,
Coz each increment in the number of your critics, is an indication that you've heard your inner call.

Find a way out of your house, and you'll get what you need,
You got to do it right now buddy, don't just read!

Escape from the problems, you may do that for a while,
But someday you'll have to face them with a smile.

Coz if the enemy knows, you've come unprepared,
He'll crush you deep down in the Earth, you'll be scared.

A gun on your head with bullets loaded inside, shouldn't make you go nuts,
Coz you're grown up now, have some guts!

A simple sound of thunder, or a sudden flash of light,
Is something that adds thrill to the night.

Knowing every answer might not be the goal of life,
But the curiosity to know them all will make you feel alive.

So a gun on your head with bullets loaded inside, shouldn't make you go nuts,
Grow up man, face them all, have some guts!

[First line courtsey: Shruti Sinha]

~Prashant Mishra

Troubles


trouble-Prashant Mishra
I travel on the breaking path..
I try to make a new start..
I wander like an aimless owl..
I know its time to pay for fouls..

I wish I get what I had once..
I wish I'm done with guilt weighing tons..
I cut all threads and break my heart..
I try to make a new start..

Let all these pains, strengthen my soul..
May be its time to fill the hole..
Let all my strengths, stop being weak..
And this time, let the troubles freak..

~Prashant Mishra

Dreams & Visions

Dreams & Visions-Prashant Mishra-Renova
They say, "Cowards have dreams, great men visions",
When brave men speak, everyone listens.

Tonight you have dreams, and you say you're strong,
May be you're right, those who said the quote are wrong.

But that is all a phrase, some follow, some refrain,
If you've doubt, say it, don't let it remain.

Inside your brave heart, that has grown in lot of cream,
Or may be you've visions, not exactly dreams.

Well, whatever they are, don't let them decide your fate,
Row out to meet your ship, inside the house don't wait.

Coz there's a lot to find, a lot to know about,
The seeds of success need action, for them to sprout.

~Prashant Mishra

Mera Dil ( My Heart )


Mera Dil ( My Heart )


Bada natkhat hai ye dil na jaane kya kya sochta rehta hai,
kabhi bada khush toh kabhi zara sa dukhi rehta hai..

Karvata hai mujhse ye na jaane kaise kaise karnaame,
jinka uddeshya ham bhi na jaane aur tum bhi naa jaane..

Kabhi toh pyar bhare ek hi shabd se harshit ho jaata hai,
toh kabhi shabdon ki uljhan mein hi ulaj kar hatash ho jata hai..

Khush hota hai jab ye toh har baat mein haasya khoj leta hai,
par jab hota hai ye dukhi toh uss haasya mein bhi apna dard khoj leta hai...

Kabhi toh deewano ki tarah kisi khaas ko chahne lagta hai,
samay ke saath vahi khaas iss dil ko bhane fir lagta hai..

Na jaane kitni yaadein sanjoye rehta hai ye apne andar,
jaise andar bhara hua ho pyaar ka samundar...

Zindagi ki iss kashmakash mein bass iss baat ka khayal rakhna,
chori na ho jaye kahi issey zara sambhal kar rakhna..


~Ankit
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