जब मंजिले नज़र आये और रास्ता न मिल पाए
रख हिम्मत मेरे यार, आओ एक पथ पर चलते ही जाए
जब रोशिनी दिखे कही दूर पर किरण न पहुच पाए
रख होसला ज़रा, चल एक नया दीप जलाए
जब रास्ते पर कुछ लोग तेरे लिए काँटा बन जाए
रख भरोसा खुदपर, देखना कही कदम ना डगमगाए
जब कड़ी धुप में हालात भी तेरा खून खौलाए
रख इतनी ढंडक अपने दिल में कि इन्द्र भी खुद बरसाए
जब दुनिया में, तेरे आलोचकों की संख्या बढ़ जाए
रख संयम इतना कि उनको भी तू माफ़ कर पाए
जब अपने हो जाये पराए और दूरियाँ बढती जाए
रख उम्मीद हमेशा, देख दिल टूट ना पाए
जब जब इन सारी बातों से तेरा दिल घबराये
भूल उन पलो, उन किस्सों को जो तुने थे सजाये
होकर मगन अपने धुन में याद रख सदा
राही का तो काम हैं चलता जाए, चलता जाए ||
~Kumar Utkarsh
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